भारत में पहली बार मिला डायनासोर के काल का 'मगरमच्छ'! जैसलमेर में 18 करोड़ साल पुराने फाइटोसॉर की खोज ने दुनिया को चौंकाया

भारत में पहली बार मिला डायनासोर के काल का 'मगरमच्छ'! जैसलमेर में 18 करोड़ साल पुराने फाइटोसॉर की खोज ने दुनिया को चौंकाया

नमस्कार दोस्तों, मैं हूँ अंकित मीणा और DRZCRAFT पर आपका स्वागत है। भारत की धरती, खासकर राजस्थान का थार रेगिस्तान हमेशा से अपने गर्भ में कई रहस्य छिपाए हुए है। आज एक ऐसी ही खोज ने पूरी दुनिया के भू-वैज्ञानिकों और जीवाश्म विज्ञानियों को हैरान कर दिया है। जैसलमेर की चट्टानों में डायनासोर के काल का एक ऐसा जीव मिला है, जो भारत में पहले कभी नहीं देखा गया।

यह खोज डायनासोर के समय के एक विशाल मगरमच्छ जैसे सरीसृप की है, जिसे वैज्ञानिक भाषा में फाइटोसॉर (Phytosaur) कहा जाता है। यह खोज न केवल राजस्थान के लिए, बल्कि पूरे भारत और विश्व के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। चलिए, इस ऐतिहासिक खोज के बारे में विस्तार से जानते हैं।

भारत में पहली बार मिला डायनासोर के काल का 'मगरमच्छ'! जैसलमेर में 18 करोड़ साल पुराने फाइटोसॉर की खोज ने दुनिया को चौंकाया

जैसलमेर में मिली ऐतिहासिक खोज

जैसलमेर के पास मिली जुरासिक काल की चट्टानों में वैज्ञानिकों को लगभग 1.5 मीटर लंबा एक जीवाश्म मिला है। प्रारंभिक शोध में यह पता चला है कि यह एक Phytosaur fossil है, जो लगभग 18 करोड़ साल पुराना है। यह जीव उस समय पृथ्वी पर मौजूद था जब डायनासोरों का राज हुआ करता था। सबसे खास बात यह है कि इस जीवाश्म के साथ उस समय के पेड़ों के अवशेष भी मिले हैं, जो यह साबित करते हैं कि यह जीव नदियों और समुद्र के किनारे घने जंगलों में रहता था।

क्या है यह फाइटोसॉर? डायनासोर या मगरमच्छ?

कई लोग इसे डायनासोर समझ सकते हैं, लेकिन यह असल में एक डायनासोर नहीं है। यह डायनासोर के ही एक वर्ग, जिसे क्रोकोडिलिया-मोरफा (Crocodilia-morpha) कहते हैं, उसकी एक प्रजाति है। सरल शब्दों में, यह आधुनिक मगरमच्छों का एक बहुत पुराना और विशाल पूर्वज था।

इसका नाम फाइटोसॉरस (Phytosaurus) है, जिसका मतलब होता है 'प्लांट लिजार्ड' (पेड़-पौधों की छिपकली)। यह नाम इसलिए दिया गया क्योंकि इसके अवशेष अक्सर प्राचीन जंगलों और पेड़-पौधों के जीवाश्मों के साथ मिलते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह एक मांसाहारी जीव था और इसका मुख्य भोजन नदियों में रहने वाली मछलियाँ थीं।

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यह खोज इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

यह phytosaur discovery india कई मायनों में बेहद महत्वपूर्ण और अद्भुत है।

» भारत में अपनी तरह का पहला: यह भारत में जुरासिक काल की चट्टानों से मिला अपनी तरह का पहला फाइटोसॉर है। इससे पहले इस काल का ऐसा कोई भी जीव भारत में रिपोर्ट नहीं किया गया था।

» विश्व स्तर पर दुर्लभ: इस तरह के जुरासिक काल के फाइटोसॉर के अवशेष अब तक केवल यूनाइटेड किंगडम (UK) के साउथ-वेस्ट इंग्लैंड में ही मिले थे। भारत में इसका मिलना एक बहुत बड़ी वैश्विक घटना है।

» 18 करोड़ साल पुराना इतिहास: यह जीवाश्म लगभग 180 मिलियन यानी 18 करोड़ साल पुराना है। यह हमें उस समय के भारत के पर्यावरण, भूगोल और जीव-जंतुओं के बारे में नई और महत्वपूर्ण जानकारी देगा।

» विलुप्ति से बचने का सबूत: वैज्ञानिकों के लिए यह एक पहेली है। ट्राइसिक काल के अंत में पृथ्वी पर एक बहुत बड़ी विलुप्ति की घटना हुई थी, जिसमें ज्यादातर जीव खत्म हो गए थे। इस जीव का जुरासिक काल में जीवित रहना यह बताता है कि इसने उस महाविनाश को झेला और बच निकला, जो अपने आप में एक बड़ी वैज्ञानिक खोज है।

वैज्ञानिकों का क्या कहना है?

इस खोज से जुड़े वैज्ञानिकों का कहना है कि यह भू-विज्ञान जगत के लिए एक बहुत बड़े हर्ष का विषय है। अब तक लोग ऐसी कहानियों और कल्पनाओं में ही ऐसे जीवों के बारे में सोचते थे, लेकिन अब उनका कंकाल साक्षात सामने है। यह खोज विज्ञान के छात्रों और शोधकर्ताओं को प्रेरित करेगी।

हालांकि, वैज्ञानिकों ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह अभी प्रारंभिक शोध है। इस जीवाश्म का और गहन अध्ययन किया जाएगा। यह भी संभव है कि यह एक अन्य प्रकार का समुद्री सरीसृप (Marine Reptile) हो सकता है, जो मरीन डायनासोर की एक प्रजाति हो। पूरी तरह से पुष्टि होने और वैज्ञानिक जर्नल में प्रकाशित होने के बाद ही इसके बारे में अंतिम रूप से कुछ कहा जा सकेगा।

निष्कर्ष
जैसलमेर में हुई phytosaur fossil jaisalmer की यह खोज भारत के इतिहास में एक मील का पत्थर है। यह न केवल हमें करोड़ों साल पहले के जीवन की एक झलक देती है, बल्कि भारत को वैश्विक जीवाश्म विज्ञान के नक्शे पर एक महत्वपूर्ण स्थान भी दिलाती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य में इस जीवाश्म से और क्या-क्या रहस्य सामने आते हैं।

लेखक के बारे में (About The Author)

मेरा नाम अंकित मीणा है। मैं राजस्थान के जयपुर के पास स्थित हनुतपुरा गाँव का रहने वाला हूँ। मैं पिछले 9 वर्षों से एक सफल YouTuber और 6 वर्षों से एक ब्लॉगर हूँ। मैंने YouTube पर 8 लाख सब्सक्राइबर्स का चैनल बनाया और बेचा है, और साथ ही मैं एक वेबसाइट डिजाइनर भी हूँ। अपने अनुभव के माध्यम से, मैं DRZCRAFT पर शेयर बाजार, ब्लॉगिंग और ऑनलाइन कमाई से जुड़ी सटीक और सरल जानकारी आप तक पहुँचाता हूँ।

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