Vikran Engineering IPO Review: हाई ग्रोथ या हाई रिस्क? क्या आपको पैसा लगाना चाहिए?
नमस्कार दोस्तों! आपके अपने ब्लॉग DRZCRAFT पर आपका स्वागत है। शेयर बाज़ार में इन दिनों IPO की धूम मची हुई है और इसी बीच एक और कंपनी अपना आईपीओ लेकर आ रही है - विक्रांत इंजीनियरिंग (Vikran Engineering)। इस 772 करोड़ के आईपीओ को लेकर बाज़ार में तरह-तरह की बातें हो रही हैं। कोई इसे एक हाई ग्रोथ कंपनी बता रहा है तो कोई इसे हाई रिस्क वाला सौदा कह रहा है।
रिटेल निवेशक उलझन में हैं कि आखिर करें तो क्या करें? क्या लिस्टिंग गेन के लिए पैसा लगा दें या लंबी अवधि के लिए इसे अपने पोर्टफोलियो में शामिल करें? आज के इस Vikran Engineering IPO Review में हम डेटा और तथ्यों की मदद से आपके इसी कन्फ्यूजन को दूर करेंगे। हम जानेंगे कि यह कंपनी क्या करती है, इसकी ताकत क्या है, कमजोरियां क्या हैं, और अंत में आपको इसमें निवेश करना चाहिए या नहीं।
क्या काम करती है विक्रांत इंजीनियरिंग?
सबसे पहले समझते हैं कि आखिर यह कंपनी करती क्या है? आसान और देसी भाषा में समझें तो विक्रांत इंजीनियरिंग एक EPC (Engineering, Procurement, and Commissioning) कंपनी है। यह सरकार, सरकारी कंपनियों और कुछ प्राइवेट कंपनियों से पानी, बिजली और रेलवे से जुड़े प्रोजेक्ट्स के सीधे कॉन्ट्रैक्ट लेती है।
» इंजीनियरिंग (Engineering): प्रोजेक्ट का पूरा नक्शा और डिज़ाइन तैयार करना।
» प्रोक्योरमेंट (Procurement): प्रोजेक्ट के लिए जरूरी सामान और मटीरियल खरीदना।
» कमीशनिंग (Commissioning): प्रोजेक्ट को पूरा करके उसे चालू हालत में क्लाइंट को सौंपना।
मतलब, किसी प्रोजेक्ट को सोचने से लेकर उसे पूरा करने तक की सारी ज़िम्मेदारी यही कंपनी उठाती है। जैसे, पावर प्लांट से आपके घर तक बिजली पहुँचाने के लिए खंभे लगाना, तार बिछाना, सबस्टेशन बनाना या फिर नदी से आपके घर के नल तक पानी पहुँचाने के लिए पाइपलाइन बिछाना, यह सब काम इसी तरह की कंपनियाँ करती हैं। कंपनी का लगभग 80% काम सरकारी प्रोजेक्ट्स से आता है।
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कंपनी की ताकत (Company Strengths)
किसी भी कंपनी में निवेश से पहले उसकी ताकत को समझना बहुत ज़रूरी है।
» मजबूत और अनुभवी लीडरशिप
किसी भी रेस में घोड़े से ज़्यादा उसके जॉकी पर ध्यान देना चाहिए। इस कंपनी के प्रमोटर राकेश मारखेडकर जी हैं, जिनकी पढ़ाई बिट्स पिलानी और IIM बेंगलुरु जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से हुई है। उन्होंने L&T जैसी बड़ी कंपनी में 13 साल काम किया है, जो इस सेक्टर की दिग्गज मानी जाती है। 30-35 साल के गहरे अनुभव के साथ वे इस कंपनी को चला रहे हैं, जो इसे एक बड़ा प्लस पॉइंट देता है।
» शानदार ग्रोथ और ट्रैक रिकॉर्ड
डेटा की बात करें तो कंपनी ने पिछले कुछ सालों में जबरदस्त ग्रोथ दिखाई है।
सेल्स: पिछले 3 सालों में कंपनी की सेल्स 32% CAGR (सालाना ग्रोथ रेट) से बढ़ी है, जो इंडस्ट्री में तीसरी सबसे तेज़ ग्रोथ है। वित्त वर्ष 2025 में कंपनी की सेल 916 करोड़ रुपये थी।
प्रॉफिट: कंपनी का प्रॉफिट आफ्टर टैक्स (PAT) भी लगातार बढ़ा है। वित्त वर्ष 2025 में यह 78 करोड़ रुपये था।
ऑर्डर बुक: कंपनी के पास अभी 2400 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स हाथ में हैं, जो आने वाले 2-3 साल के रेवेन्यू की गारंटी देते हैं।
» डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो
कंपनी किसी एक राज्य या एक सेक्टर पर निर्भर नहीं है। यह अब तक 22 राज्यों में काम कर चुकी है और इसके पास पानी, बिजली, और रेलवे तीनों सेक्टर के प्रोजेक्ट्स हैं। यह डायवर्सिफिकेशन कंपनी के रिस्क को कम करता है।
» एसेट-लाइट बिजनेस मॉडल
यह कंपनी ज़्यादातर मशीनें और उपकरण किराए पर लेती है, जिससे उसकी फिक्स्ड कॉस्ट कम रहती है। कंपनी अपने 1 रुपये के एसेट से 101 रुपये का काम कर लेती है, जो इंडस्ट्री में दूसरा सबसे अच्छा रेशियो है।
कंपनी की कमजोरियां (Company Weaknesses)
जहाँ ताकत है, वहाँ कुछ कमजोरियां भी होती हैं।
» बढ़ता हुआ कॉम्पिटिशन और मार्जिन पर दबाव
यह सेक्टर बहुत कॉम्पिटिटिव है। नए कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए कंपनी को अपने मार्जिन कम करने पड़ रहे हैं। पिछले साल की तुलना में सेल्स 17% बढ़ी, लेकिन प्रॉफिट सिर्फ 4% बढ़ा, जो दिखाता है कि मार्जिन पर दबाव है।
» वर्किंग कैपिटल की ज़्यादा ज़रूरत
इस बिजनेस में पहले पैसा लगाना पड़ता है और पेमेंट बाद में टुकड़ों में आता है। कंपनी को जितने ज़्यादा प्रोजेक्ट उठाने हैं, उतने ही ज़्यादा पैसों की ज़रूरत पड़ती है। अगर सरकारी पेमेंट में देरी होती है, तो कंपनी की कैश फ्लो पर असर पड़ सकता है।
» कर्ज का बढ़ना
तेजी से ग्रोथ करने के लिए कंपनी ने कर्ज लिया है। पिछले साल कंपनी पर 273 करोड़ का कर्ज था। हालांकि, अच्छी बात यह है कि कंपनी का डेप्ट-टू-इक्विटी रेशियो कंट्रोल में है और इस IPO से जुटाए गए पैसों का एक बड़ा हिस्सा वर्किंग कैपिटल और कर्ज चुकाने में इस्तेमाल हो सकता है।
» सरकारी कॉन्ट्रैक्ट पर निर्भरता
कंपनी का 80% बिजनेस सरकारी प्रोजेक्ट्स पर निर्भर है। अगर भविष्य में सरकार बदलती है या सरकारी नीतियां बदलती हैं, तो इसका सीधा असर कंपनी के बिजनेस पर पड़ सकता है।
Vikran Engineering IPO Details
आइए अब इस आईपीओ से जुड़ी ज़रूरी जानकारी (Vikran Engineering IPO Detail) पर एक नज़र डालते हैं।
» आईपीओ खुलने की तारीख: 26 अगस्त
» आईपीओ बंद होने की तारीख: 29 अगस्त
» आईपीओ का साइज़: 772 करोड़ रुपये
» प्राइस बैंड: ₹92 से ₹97 प्रति शेयर
» फंड का इस्तेमाल: 541 करोड़ रुपये वर्किंग कैपिटल में और 180 करोड़ रुपये जनरल कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल होंगे।
फाइनल वर्डिक्ट: पैसा लगाएं या नहीं?
अब सबसे बड़े सवाल पर आते हैं। सभी बातों का विश्लेषण करने के बाद, मेरा मानना है कि कंपनी का फंडामेंटल मजबूत है। इसका नेतृत्व अनुभवी हाथों में है, ग्रोथ का ट्रैक रिकॉर्ड शानदार है और भविष्य में भी सरकार का इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस रहने से काम की कमी नहीं रहेगी।
वैल्यूएशन: IPO के बाद इसका P/E रेशियो लगभग 30-32 के आसपास होगा, जो इंडस्ट्री के औसत 27 से थोड़ा ज़्यादा है। लेकिन कंपनी की ग्रोथ और फाइनेंशियल आंकड़ों को देखते हुए यह वैल्यूएशन वाजिब लगता है। Vikran Engineering IPO GMP (ग्रे मार्केट प्रीमियम) भी 20-25% की ग्रोथ दिखा रहा है, जो लिस्टिंग गेन की अच्छी संभावना का संकेत है।
मेरी तरफ से इस कंपनी को 10 में से 7.5 की रेटिंग मिलती है।
» शॉर्ट-टर्म निवेशक (लिस्टिंग गेन के लिए): जो निवेशक सिर्फ लिस्टिंग गेन कमाना चाहते हैं, वे इस IPO के लिए अप्लाई कर सकते हैं। मौजूदा संकेतों के अनुसार अच्छे लिस्टिंग गेन की उम्मीद है।
» लॉन्ग-टर्म निवेशक: यह एक हाई ग्रोथ कंपनी है, लेकिन इसके साथ सेक्टर से जुड़े रिस्क भी हैं। अगर आप थोड़ा रिस्क लेकर हाई रिटर्न कमाना चाहते हैं, तो आप इसे लंबी अवधि के लिए कंसीडर कर सकते हैं। लेकिन अगर आप 100% सुरक्षित निवेश चाहते हैं, तो आपको इस सेक्टर से दूर रहना चाहिए।
अस्वीकरण: यह Vikran Engineering IPO Guide केवल शैक्षिक उद्देश्य के लिए है। मैं कोई SEBI रजिस्टर्ड सलाहकार नहीं हूँ। किसी भी निवेश का निर्णय लेने से पहले अपनी खुद की रिसर्च करें और अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह ज़रूर लें।
उम्मीद है कि यह Vikran Engineering IPO Analysis आपके लिए मददगार साबित हुआ होगा। आपको यह जानकारी कैसी लगी, कमेंट बॉक्स में ज़रूर बताएं।
लेखक: अंकित मीणा
अंकित मीणा, DRZCRAFT के संस्थापक, एक अनुभवी ब्लॉगर, यूट्यूबर और वेबसाइट डिज़ाइनर हैं। राजस्थान के जयपुर जिले के हनुतपुरा गाँव से आने वाले अंकित को डिजिटल दुनिया में 9 वर्षों से अधिक का अनुभव है। उन्होंने यूट्यूब पर सफलतापूर्वक कई चैनल बनाए और मैनेज किए हैं, जिनमें से एक चैनल 8 लाख सब्सक्राइबर्स तक पहुँचा। अपने ज्ञान और अनुभव से वे लोगों को ब्लॉगिंग और डिजिटल मार्केटिंग की दुनिया में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।